पानी को मिले राष्ट्रीय धरोहर की पहचान: जेपी मल्होत्रा

फरीदाबाद। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने वर्तमान परिवेश में पानी के संरक्षण के लिये जहां विशेष जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया है। वहीं आपने पानी को इंफ्रास्ट्रक्चर की राष्ट्रीय धरोहर के रूप में पहचान दिलाने की आवश्यकता जताई है।

यहां इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स इंडिया एफआईसीसी द्वारा वर्ल्ड वाटर डे पर आयोजित विशेष वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि पानी की उपलब्धता वर्तमान में एक बड़ी समस्या है और हमें मुख्यतरू मानसून पर निर्भर रहना पड़ता है। आपने कहा कि जून से नवम्बर माह में नदियों में 90 प्रतिशत तक पानी रहता है।

मल्होत्रा ने कहा कि प्रतिदिन मांग के अनुपात में पानी की उपलब्धता काफी कम है जिसे पूरा करने के लिये हमें जलसंरक्षण पर ध्यान देना होगा।

मल्होत्रा ने जानकारी दी कि विश्व की कुल जनसंख्या का एक बड़ा भाग स्वच्छ पानी के अभाव में जी रहा है। फरीदाबाद का उदाहरण देते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा है कि प्रतिदिन 300 एमएलडी पानी की मांग के अनुपात में 249 एमएलडी पानी ही उपलब्ध है जबकि दिल्ली में 1260 एमएलडी की आवश्यकता पर पीक आवर में 935 एमएलडी ही उपलब्ध कराया जा रहा है।

मल्होत्रा ने कहा कि पानी वास्तव में पूर्ण रूप से प्राकृतिक संसाधन है और यह मानव के लिए प्राकृति की सबसे बड़ी देन है।

मल्होत्रा ने अवैध ट्यूबवैल बंद करने, पानी को राष्ट्रीय सम्पदा घोषित करने, पानी की आपूर्ति सीवरेज तथा सैनिटाइजेशन के लिये निवेश को बढ़ावा देने, वाटर प्यूरीफिकेशन के लिये नैनो तकनीक पर ध्यान देने, कम खपत पानी वाले टायलेट डिजाईन करने, पानी व फर्टिलाइजर के बीच समन्वय बनाने, राष्ट्र स्तर पर वाटर मिशन पर ध्यान देने, जल संरक्षण के लिये कार्य करने व जागरूकता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

वेबिनार में अशोक सिन्हा सदस्य भूमिगत जल बोर्ड ने नेशनल वाटर मिशन के संबंध में जानकारी दी व पर्यावरण परिवर्तन के संबंध में चल रही प्रक्रिया के संबंध में बताया।

आईईआई के चेयरमैन संदीप हांडा ने वेबिनार में पोर्टेबिल वाटर रिसोर्सिज के संबंध में विस्तारपूर्वक बताया। वेबिनार में श्री सुशील बजाज ने पानी की उपयोगिता के संबंध में जानकारी दी जबकि धन्यवाद प्रस्ताव एफएलसीसी के सचिव श्री के आर गुप्ता ने प्रस्तुत किया। वेबिनार में अशोक सिन्हा, आई एस चौहान, प्रदीप मल्लाह ने प्रभावी रूप से प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया, जबकि वेबिनार में सर्वश्री संदीप हांडा, के आर गुप्ता, डी के दीवान, इंद्र सिंह ओबराय, ए के सहगल, पंकज कुमार, मनु बिन्द्रा, चारू स्मिता मल्होत्रा, जतिन्द्र कुमार महाजन, मनोहर, त्रिभुवन लाल, डा0 राकेश जैन, प्रदीप कुमार, रविशंकर गुप्ता, ए के गुप्ता, सोनिया महरा, शिल्पी, राजेंद्र कुमार, डा0 लोकेश कुमार सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागियों की संख्या उल्लेखनीय रही।

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