हरियाणा में सभी जमीन-जायदाद की यूनीक आईडी बनेगीः दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 9 नगर निगमों में अगले एक सप्ताह में तथा 15 नगर पालिका व नगर परिषदों के अधीन आने वाले क्षेत्रों में आगामी 15 दिनों के अंदर प्रॉपर्टी आईडी तैयार कर दी जाएगी।

Unique ID of all land and property will be created in Haryana: Dushyant Chautala

Chandigarh. Property ID will be prepared in next 9 weeks in 9 Municipal Corporations of Urban Local Bodies Department of Haryana and within the next 15 days in the areas under 15 Municipality and Municipal Councils.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि कंट्रोल्ड एरिया में रजिस्ट्रियां करने का एक खास मैकेनिज्म बनाया जाएगा। राजस्व विभाग के अलावा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, एचएसआईआईडीसी, वन विभाग जैसे संबंधित विभाग रजिस्ट्री के लिए अगर 14 दिनों के अंदर-अंदर अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं देते हैं, तो उसे डीम्ड स्वीकृति समझकर रजिस्ट्री कर दी जाएगी।

कृषि भूमि व खाली जमीन की अलग-अलग श्रेणी

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इसके अलावा जो अध्यादेश लाया जा रहा है, उसमें कृषि भूमि व खाली पड़ी जमीन की अलग-अलग श्रेणी की जाएंगी। कंट्रोल्ड एरिया में रजिस्ट्री के लिए वर्ष 2017 में कृषि भूमि के क्षेत्र को 2 कनाल किया गया था उसको अब वर्ष 2017 के संशोधन से पहले की भांति एक एकड़ किया जाएगा।

कूपन लेने की आवश्यकता नहीं

उन्होंने बताया शहरों में प्रॉपर्टी टैक्स को ऑनलाइन भरने की सुविधा की जाएगी, ताकि रजिस्ट्री के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) स्वतः लिया जा सके। रजिस्ट्री कार्यालय में मानव-हस्तक्षेप कम से कम हो, सभी संबद्ध विभागों को आगामी एक माह में लिंक कर दिया जाएगा, ताकि तत्काल रजिस्ट्री हो सके। भविष्य में कूपन लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

पोर्टल पर रजिस्ट्री अपलोड होगी

डिप्टी सीएम ने यह भी बताया कि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्री-डीड का एक नमूना अपलोड किया जाएगा, ताकि कोई भी व्यक्ति इसे पढ़कर अपनी मर्जी अनुसार डीड करवा सके।

गुरुग्राम, बहादुरगढ़, सोनीपत, अंबाला व फरीदाबाद में अवैध रजिस्ट्रियां

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि लॉकडाऊन के दौरान गुरुग्राम, बहादुरगढ़, सोनीपत, अंबाला व फरीदाबाद में अवैध तरीके से रजिस्ट्रियां करने की शिकायतें मिली हैं। इन मामलों में मंडल आयुक्तों को 14 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

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