परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने स्थानीय शहीद स्मारक पर दी श्रद्धांजलि

बल्लबगढ़। ‘शहीदों की चिंताओं पर हर वर्ष लगेंगे मेले, बस एक यही निशां बाकी होगा।’ शहीदों की बात को चरितार्थ करते हुए हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने आज मंगलवार को स्थानीय शहीद स्मारक पर पहुंचे। उन्होंने शहीदी दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार शहीद परिवारों के लिए अनेको योजनाएं के माध्यम से लाभ देने के लिए हमेशा प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि शहीदों की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता। आज देश की 135 करोड़ जनता देश के उन वीर शहीदों की कुर्बानी के कारण ही अपने आप को सुरक्षित और आजाद महसूस कर रही है।

Transport Minister Moolchand Sharma paid tribute to the local martyr memorial

परिवहन मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि यदि शहीद वीर भगत सिंह ,राजगुरु और सुखदेव जैसे युवाओं ने देश के लिए कुर्बानी ना दी होती तो आज हम गुलाम देश के नागरिक होते और खुली हवा में सांस नहीं ले पाते।

उन्होंने बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह पार्क में शहीद स्मारक पर पहुंचकर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि हमारी सरकार शहीदों के परिवार के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं देने के लिए हमेशा तत्पर है।

उन्होंने कहा कि अंबाला में भी शहीद स्मारक बनाया जा रहा है। स्कूल, कॉलेजों और सड़कों के नाम शहीदों के नाम पर रखे जा रहे हैं। वहीं शहीदों के परिवारों को सरकार आर्थिक मदद के अलावा अन्य प्रकार की सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें शहीदों का सम्मान करने पर गर्व महसूस होता है।

परिवहन मंत्री शर्मा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हमेशा शहीद परिवारों के बारे में सोचा है और उन्हें सम्मान देने का काम किया है।

इस मौके पर परिवहन मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में नाहर सिंह पार्क का सौंदर्यीकरण कर सुंदर बनाया जाएगा।

इस मौके पर बस अड्डा मार्किट के प्रधान प्रेम खट्टर, पार्षद हरप्रसाद  गौड़,  बुद्धा सैनी, अध्यक्ष कैलाश वशिष्ठ, बिट्टू पंजाबी, वीरेंद्र मनचंदा, पारस जैन, लखन बेनीवाल, संजीव बैसला, बिल्लू पहलवान, प्रेम मदान, जितेंद्र भारद्वाज, हरीश धवन, सुंदर आजाद, डॉक्टर मूलचन्द सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी शहीदी स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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