इस बार फरीदाबाद का अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला पड़ा खटाई में

फरीदाबाद। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला पर आशंकाओं के बादल मंडरा रहे हैं। हरियाणा सरकार अभी कोरोना नियंत्रण में उलझी हुई है। इसलिए राज्य सरकार और मेला प्रशासन अभी तक मेला लगाने या न लगाने का निर्णय नहीं कर पाए हैं। हालांकि पर्यटन निगम के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि कोरोना के दृष्टिकोंण से इस बार मेला लगना मुश्किल लग रहा है।

This time Faridabad’s International Surajkund Mela was in risks

Faridabad. Due to Corona virus infection, this time the international Surajkund fair is clouded with apprehensions. The Haryana government is still embroiled in Corona control. Therefore, the state government and the fair administration have not been able to decide whether to hold a fair or not. However, internal sources of the Tourism Corporation say that it is difficult to find a fair this time due to the vision of Corona.

बंसीलाल सरकार ने सबसे पहले यहां के सूरजकुंड में 1987 में मेला शुरू किया था।

उसके बाद से मेला निर्बाध लगता आ रहा था।

विभिन्न राष्ट्रीय आपदाओं के दौर में भी मेला आयोजित हुआ।

मेला आमतौर पर 1 फरवरी से 15 फरवरी या निकटवर्ती रविवार तक लगता है।

यह भारतीय हस्तशिल्पियों और लोक कलाकारों के लिए ऐसा अंतर्राष्ट्रीय मंच हैए जहां वे अपना हुनर दिखाते हैं।

हस्तशिल्पी और लोक कलाकार मेले में लाखों और करोड़ों का व्यापार भी करते हैं।

इसलिए देश भर के नामी.गिरामी शिल्पियों को इस मेले से बहुत आस.उम्मीद होती है।

किंतु इस बार देश की तरह हरियाणा में भी कोरोना की स्थिति विकट है।

विशेषकर एनसीआर क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण अधिक है। फरीदाबाद एनसीआर का ही अंग है।

मेले की तैयारियां

मेले की तैयारियां प्रायः दीवाली के बाद से ही शुरू हो जाती हैं।

केंद्रीय पर्यटन निगम और हरियाणा पर्यटन निगम के अधिकारी प्रारंभिक बैठक करके आगामी मेले का ब्लू प्रिंट तैयार करते हैं।

वे इस बैठक के बाद मेला परिसर का भ्रमण करके उसके सुधारकार्यए जीर्णोद्धार और नवीनीकरण कार्य को अंतिम रूप देते हैं।

मेले में लगभग 1100 हट्स हैं। उनका उन्नयन किया जाता है और आवश्यकतानुसार उनकी संख्या भी बढ़ाई जाती है।

इसके मद्देनजर हर कार्य के लिए ठेकों का आवंटन किया जाता है।

मेले के लिए थीम राज्य और थीम राष्ट्र के चयन की प्रक्रिया शुरू होती है।

किंतु अभी तक मेला प्रशासन की ओर से इस तरह की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।

इन्क्वायरी शुरू

इधर मेले की तैयारियां शुरू नहीं हो पाई हैं।

उधर शिल्पियों ने मेले को लेकर हरियाणा पर्यटन निगम और मेला प्राधिकरण की वेबसाइटों पर इन्क्वायरी डालनी शुरू कर दी हैं।

शिल्पी चाहते हैं कि मेले की स्थिति स्पष्ट होए तो वे इसमें भाग लेने के लिए समय रहते आवेदन करें और अपनी तैयारियां शुरू करें।

सूरजकुंड मेले के नोडल अधिकारी राजेश जून का कहना है कि मेले के आयोजन को लेकर उन्हें कोई निर्देश नहीं मिले हैं। जैसे ही निर्देश मिलेंगेए तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि शिल्पियों की पूछताछ शुरू हो गई है।

 

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