सावन की आई बहार रेः इस पड़दादी ने झूले पर ऐसी पींगें बढ़ाईं कि आप भी दांत तले अंगुली दबा लेंगे

 

फरीदाबाद। सावन का उल्लास हर नवयौवन के मन मे होता है। सावन पीहर जाने का अधिकारिक अवसर होता है। जब सब सखियां मिलती हैं, तब सब बचपन साकार हो जाता है। सावन की मस्ती हर किसी को बौरा देती है। मानव तो मानव, प्रकृति भी हरियाली का नव श्रंृगार करती है और झूम-झूमकर गाती है। इस सावन में इस पड़दादी ने तो कमाल ही कर दिया।

This grandmother increased the Peengs on the swing such that you will also press your finger under teeth

Faridabad. The euphoria of the spring is in the mind of every young woman. There is an official opportunity to visit Pihar in Sawan. When all girls meet, then all childhood becomes real. The fun of Saavan makes everyone nervous. Humans are human, nature also creates a new form of greenery and sings in a jiggling way. This great grandmother has done wonders in this spring.

यह वीडियो आईएएस अधिकारी प्रियंका शुक्ला ने ट्वीट किया है। इसे चार हजार से ज्यादा लाइक्स भी मिल चुके हैं।

मजेदार बात तो है कि दादी चंद्रो तोमर ने इसे रीट्वीट भी किया है। शायद उन्हें भी इस दादी में अपना बचपन दिखा है।

यह वीडियो कब और कहां का है। यह पता नहीं है। किंतु इसकी जानकरी से ज्यादा जरूरी है इस दादी का उल्लास।

इस उम्र में भी यह दादी झूले पर आसमान छूती नजर आती है।

जिस तरह दादी झूले पर पींगे बढ़ाती हैं, उससे लगता है कि दादी के रोम-रोम में सावन बसता है।

दादी हर झोंके में जोर लगाकर नीम के पेड़ की फुनगी की ओर अधिकाधिक निकट जाती दिखती हैं।

दादी आपके आनंद और उल्लास को इस अमरगीत से प्रणाम।

  • झूला तो पड़ गए, अमुवा की डार पे जी…
  • ऐजी कोई हां हां, अजी हम्बे कोई हां हां …
  • झुलाबे झूला कौन जी…
  • झूला तो पड़ गए, अमुवा की डार…

 

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