फरीदाबाद के 26 गांवों के लोगों ने नगर निगम के प्रस्ताव की कॉपी जलाई

फरीदाबाद। नगर निगम में 26 गांवों को शामिल किए जाने के बाद से ग्रामीणों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण लगातार पंचायत कर इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। इन्हीं मांगों को लेकर आज युवा व ग्रामीणों ने सर और हाथों पर काली पट्टी बांधकर सड़कों पर उतरे। उन्होंने नगर निगम कार्यालय से नगर निगम मुर्दाबाद, 26 गांव की एकता जिंदाबाद, 26 गांव को नगर निगम में लेने का तानाशाही फैसला वापस लो, के नारों के साथ नगर निगम आयुक्त के घर पर पहुंचे। ग्रामीणों ने निगम के उस प्रस्ताव को जलाया, जिसमें 26 गांवों को शामिल किए जाने की बात कही गई थी।

People from 26 villages of Faridabad burnt copy of Municipal Corporation proposal

Faridabad. Since the inclusion of 26 villages in the Municipal Corporation, the anger of the villagers is not taking its name. The villagers are constantly opposing this proposal by doing panchayats. With these demands, youth and villagers today took the black band on their heads and hands and took to the streets. He reached the Municipal Corporation commissioner’s house with slogans from the Municipal Corporation office to the Municipal Corporation of Murdabad, Ekta Zindabad of 26 villages, withdraw the dictatorial decision to take 26 villages to the Municipal Corporation. The villagers burnt the corporation’s proposal that 26 villages should be included.

सभी ग्रामवासी इस बात से नाराज रहे कि बताने के बाद भी कि वे प्रदर्शन के बाद नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन देंगे, लेकिन निगम कमिश्नर फरीदाबाद में मौजूद नहीं थे।

इसी बात से गुस्साए ग्रामीणों ने नगर निगम द्वारा 26 गांव को नगर निगम में लेने का जो प्रस्ताव बनाया था, ग्रामीणों ने उस प्रस्ताव की कॉपी जलाई।

युवा पंचायत के संयोजक जसवंत पवार ने साफ तौर पर कहा कि जिन गांव को अब तक नगर निगम ने अपने अंदर शामिल किया है। उन गांव के मुकाबले उनके गांव बेहद समृद्ध हैं और वे अपनी पंचायतों से बेहद खुश हैं। इसलिए वे नहीं चाहते कि किसी भी तरह से उनके गांव की नगर निगम में शामिल किया जाए।

पंवार ने कहा कि नगर निगम इन 26 गांव के पास जो 1500 सौ करोड़ रुपए और गांवों की जो पंचायती जमीन है, उसको हड़पना चाहते हैं। इन गांवों को भी नगर निगम की तरह कंगाल करना चाहते हैं, जो ग्रामीण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

नीमका के पूर्व सरपंच राजबीर नागर ने कहा कि कहा कि हम मर जाएंगे, लेकिन अपने गांव को नगर निगम में शामिल नहीं होने देंगे। कुछ राजनीतिक लोग अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए इन 26 गांव को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं, लेकिन हम किसी भी कीमत पर अपने गांव को नगर निगम में शामिल नहीं होने देंगे।

सभी ग्रामीणों ने साफ तौर पर निगम प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा उनके मुताबिक नगर निगम में बहुत भ्रष्टाचार है और अगर उनके गांव भी शामिल कर लिए गए, तो वह भी पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएंगे।

इस मौके पर राजवीर नागर नीमका, महिपाल आर्य, धीरज यादव, सचिन चंदिला एडवोकेट बड़ौली, महेश हिन्दू, विक्रांत गौड, भगत सिंह सिरोही, जसवंत पवार,  डॉक्टर सुरेंद्र कीना, गोपाल यादव, जीतू साहूपुरा, राधे पंडित तिलपत, सुंदर कपासिया, सनी पराशर, राहुल कौशिक,  देवेंद्र, सुनील दुष्यंत, मिन्टू, कुलदीप, सौरभ, अरण, लेखराज, लाला शामिल रहे।

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