मुस्लिमों को चुनना है कलाम का विकास या ओवैसी: वीएचपी 

नई दिल्ली। राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के बयानों की विश्व हिंदू परिषद ने निंदा की है। वीएचपी के संयुक्त महासचिव डॉक्टर सुरेंद्र जैन ने इनके बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अब फैसला मुस्लिम समाज को करना है कि वे इनकी विनाशकारी राह पर चलना चाहते हैं या एपीजे अब्दुल कलाम के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के मार्ग पर चलना चाहते हैं।

Muslims have to choose Kalam’s development or Owaisi: VHP

New Delhi. The statements of All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen (AIMIM) Chief Asaduddin Owaisi and All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB) regarding the Ram temple Bhoomipujan have been condemned by the World Hindu Parishad. Describing his statements as unfortunate, VHP joint general secretary Dr Surendra Jain said that now it is up to the Muslim society to decide whether they want to follow their destructive path or walk the path of peaceful co-existence of APJ Abdul Kalam.

वीएचपी नेता ने कहा, श्असदुद्दीन ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जिस तरह के ट्वीट आए हैं, वे काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। अभी तक यही लोग बार-बाहर कहते थे कि हमें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए। हिंदुओं को जल्दी क्या है। हमने प्रतीक्षा की और सौभाग्य से वह निर्णय राम जन्मभूमि के पक्ष में आया, लेकिन जैसे ही यह निर्णय आया, इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के लिए बहुत आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

वीएचपी नेता जैन ने कहा कि 5 अगस्त को तो इन लोगों ने सीमाएं लांघ दिए। भारत के इतिहास में शायद ही इतने आपत्तिजनक शब्द माननीय सर्वोच्च न्यायालय के लिए किसी ने नहीं किया होगा।

उन्होंने कहा कि दमनकारी, अन्यायपूर्ण, शर्मनाक, बहुसंख्यकवादी जैसे जितने भी अशब्द इनकी डिक्शनरी में हो सकते थे, इन लोगों ने न्यायपालिका के सब प्रयोग कर चुके हैं। विश्व हिंदू परिषद उनके इस बयान की कठोरतम शब्दों में निंदा करती है।

ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आम मुसलमानों द्वारा नकारे जाने का दावा करते हुए जैन ने कहा कि ये दोनों संस्थान चाहे ओवैसी के हों या मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का हो, मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग के द्वारा पहले ही नकारे जा चुके हैं।

उन्होंने कहा िक अब निर्णय मुस्लिम समाज को करना है कि वो इन लोगों के मार्ग पर चलना चाहते हैं या एपीजे अब्दुल कलाम के मार्ग पर चलना चाहते हैं। कलाम का मार्ग विकास का है, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का है लेकिन इनका जो मार्ग है, वो अहंकार का मार्ग है, जो विकास की तरफ नहीं ले जा सकता, वो विनाश की तरफ ले जाता है। अब फैसला मुस्लिम समाज को करना है कि इनको नकारना है या इनके साथ चलना है।

उन्होंने कहा कि आज हमारा पूरा ध्यान राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण जितना जल्दी पूर्ण हो सके और हमारे शिखर का कलश जितना जल्दी दुनिया के सामने आ सके, उसकी ओर है।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था। मंदिर की आधारशिला रखने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि राम सबके हैं और सबमें हैं।

भूमि पूजन कार्यक्रम पर औवैसी ने कहा था कि यह भारत की धर्मनिरपेक्षता की हार और हिंदुत्व की जीत का दिन है।
कार्यक्रम से पहले उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद अभी भी जिंदा है।

इसी तरह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बहुत तीखे बयान दिए जबकि मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल दिए गए फैसले के अनुरूप हो रहा है।

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