प्रशांत में चीन को घेरने के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया-फ्रांस ने की बैठक

नई दिल्ली। भारत-ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के विदेश सचिवों ने बुधवार को पहली बार सह-अध्यक्षता करते हुए त्रिपक्षीय बातचीत की। इस बैठक का मुख्य केन्द्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना और बहुपक्षवाद को मजबूत करना था। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में यह कहा गया- “बातचीत के दौरान तीनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक और भूस्थैतिक चुनौतियों और सहयोग पर चर्चा की, खासकर कोविड-19 के संदर्भ में।”

India, Australia, France meet to surround China in Pacific

New Delhi. The Foreign Secretaries of India-Australia and France held a trilateral dialogue, co-chairing for the first time on Wednesday. The main focus of this meeting was to increase cooperation and strengthen multilateralism in the Indo-Pacific region. In a statement issued by the Ministry of External Affairs, it said- “During the talks, the three sides discussed the economic and geopolitical challenges and cooperation of the Indo-Pacific region, especially in the context of Kovid-19.”

इस डेवलपमेंट के बारे पूरी तरह से वाकिफ सूत्र ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया और जापान दोनों ही क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग यानी क्वाड का हिस्सा है, जिनमें भारत और अमेरिका भी है।

इनकी तरफ से अन्य देशों को साथ लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिनके हिंद महासागर में हित जुड़ा हुए हों और जो एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियन) के सदस्य हैं।

सूत्र ने बताया कि भारित के साथ सीमा पर तनातनी के बाच चीन की आक्रामक कार्रवाई और दक्षिण चीन सागर में उसके सैन्य निर्माण के चलते ये प्रयास करने पड़े हैं। आने वाले हफ्तों में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया विदेश और रक्षा मंत्रियों की दो अलग वर्चुअल बैठकें करने जा रहे हैं ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग और समुद्री सुरक्षा बढ़ाई जा सके।

बुधवार को वर्चुअल बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला, फ्रेंच मिनिस्ट्री ऑफ यूरोप एंड फॉरेन अफेयर्स के जनरल सेक्रेटरी फ्रांकोइस डेल्ट्रे और ऑस्ट्रेलिया के डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन अफेयर्स एंड ट्रेड के सेक्रेटरी फ्रांसिस एडम्सन ने की।

बयान में कहा गया- बातचीत का फोकस हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाना है। इस दौरान सामुद्रिक सुरक्षा चिंताएं और त्रिपक्षीय और क्षेत्रीय स्तरों पर व्यावहारिस सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर भी चर्चा की गई।

बयान में कहा गया, तीनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक बहुपक्षीय संस्थानों में प्राथमिकताओं, चुनौतियों और रुझानों पर चर्चा की, जिसमें बहुपक्षवाद को मजबूत करने और इसमें सुधार के बेहतर तरीकों पर चर्चा हुई। तीनों देशों में वार्षिक स्तर पर बातचीत करने के सहमति बनी है।

 

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