गृह मंत्री विज बोले पिपली में लाठीचार्ज नहीं हुआ, दुष्यंत चौटाला के खिलाफ प्रदर्शन, कांग्रेस वापस लेगी अध्यादेश, संघर्ष कांग्रेस प्रायोजित

चंडीगढ़। पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज मामले में हरियाणा के गृह मंत्री अनिज विज ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने किसानों पर कोई लाठीचार्ज नहीं किया है। अनिल विज ने कहा कि पुलिस ने किसानों को कहा था कि सड़क पर जाम न लगाएं। किसानों ने पुलिस पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की थी, जिसके कारण पुलिस ने उनको सड़क से हटाया था। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं।

Home Minister Vij said that there was no lathi charge in Pipli, demonstration against Dushyant Chautala, Congress to withdraw 3 ordinance, Congress sponsored agitation

Chandigarh. In the case of lathicharge on farmers in Pipli, Haryana home minister Anij Vij said that the Haryana Police has not done any lathicharge on the farmers. Anil Vij said that the police had told the farmers not to block the road. The farmers had tried to put tractors on the police, due to which the police had removed them from the road. He said that lawsuits have also been registered against the protesters.

अनिल विज ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया कि उन्होंने लाठीचार्ज के संदर्भ में कोई आदेश नहीं दिया।

उन्होंने कहा कोरोना काल के चलते हुए आदेश दिए गए थे कि कोई भी रोड जाम नहीं कर सकता है, क्योंकि मार्गों पर कोरोना मरीजों के लिए एंबुलेंस और अन्य मेडिकल स्टाफ को बाधा पहुंचती है।

विज ने कहा कि जिन लोगों ने कल पिपली में रोड जाम किया था, कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं।

दुष्यंत चौटाला के आवास पर प्रदर्शन

उधर सिरसा में लाठीचार्ज के मामले की जांच करवाने अन्य अन्य मांगों को लेकर किसानों द्वारा शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास का घेराव कर दिया गया।

सैकड़ों की संख्या में किसानों ने बरनाला रोड स्थित चौटाला हाउस के समक्ष एकत्रित होकर नारेबाजी की।

किसानों के प्रदर्शन में आशा वर्कर व बर्खास्त पीटीआई ने भी भाग लिया।

किसानों के आंदोलन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।

एसडीएम जयवीर यादव, तहसीलदार सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।

खराब फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के बैनर तले धरना दे रहे किसानों ने किसान नेता विकल पचार की अगुवाई में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया।

विकल पचार ने कहा कि बीते दिवस पीपली में किसानों पर हुआ हुए लाठीचार्ज ने कंडेला कांड की याद दिला दी है।

उन्होंने कहा कि चौधरी देवी लाल किसान हितेषी थे, और प्रदेश के किसानों को चौधरी देवी लाल के परिवार से बहुत आशा है।

उन्होंने कहा कि बीते  दिवस पीपली में हुए लाठीचार्ज ने एक बार फिर से कंडेला कांड की याद दिला दी है, जो कि इसी परिवार की देन है।

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करवाएं। किसानों को 40हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए।

उन्होंने कहा कि वे 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हैं अगर किसानों की मांगों को नहीं माना गया, तो प्रदेश भर के किसान उपमुख्यमंत्री का विरोध करेंगे और किसी भी गांव में उन्हें घुसने नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने इस मामले की जांच करवाने की मांग की।

इसके बाद सभी किसान प्रशासनिक अधिकारियों को बिना ज्ञापन सौंपे ही धरना स्थल पर वापस पहुंच गए।

कांग्रेस वापस लेगी अध्यादेश

प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने तीन अध्यदेशों को किसान विरोधी बताया।

वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र के सेक्टर तीन में प्रदेश महासचिव सुरेश के आवास पर पत्रकारों से रूबरू हुईं।

उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता को दबने नहीं देंगे। कांग्रेस ने सदा किसानों की भलाई के फैसले लिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1960 के दशक में एमएसपी की शुरुआत की। आढ़ती और किसान का चोली दामन का साथ है। भाजपा सरकार इसे खत्म करना चाह रही है।

उन्होंने कहा, सरकार ने 2006 में बिहार में एक एक्सपेरिमेंट किया था। वह फेल रहा है। एमएसपी बंद कर सरकार किसानों को निजी व्यापारियों के हाथों में सौंपना चाहती है।

उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज केस तुरंत वापस लिए जाएं। घायल किसानों को मुआवजा दिया जाए। सैलजा ने कहा, कांग्रेस सरकार आते ही यह तीनों अध्यदेश वापस लिए जाएंगे।

कांग्रेसी छत्रप उतरे मैदान में

कांग्रेस किसानों पर लाठीचार्ज करने के मुद्दे पर आक्रामक हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला मैदान में उतर आए हैं।

तीनों आज कुरुक्षेत्र में हैं।

सबसे पहले सुबह 10 बजे पीपली पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला।

इसके बाद 12 बजे कुमारी शैलजा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किसानों से मिलीं।

इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पिपली अनाज मंडी में किसान और आढ़तियों से मुलाकात करेंगे।

किसानों में खून-खराबा

जजपा प्रवक्ता प्रेम सिंह धनखड़ ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह रहे हैं कि एमएसपी पर कानून बने और किसानों को स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों के अनुसार दाम मिलें।

उन्होंने कहा कि यही हुड्डा कांग्रेस शासन में केंद्र में स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों पर मुख्यमंत्रियों की कमेटी के अध्यक्ष थे। तब कई साल इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया। आज एमएसपी की वकालत कर रहे हैं।

धनखड़ ने कहा कि हुड्डा कह रहे हैं कि 10 दिन बाद जेहाद होगा। दुनिया भर में जेहाद खून-खराबे का दूसरा नाम है। अपनी बात मनवाने और

न मानने वाले को मारने का नाम है। हुड्डा क्या प्रदेश में किसानों को बहका कर खून-खराबा करना चाहते हैं?

आंदोलन कांग्रेस प्रायोजित

पूर्व कृषि मंत्री एवं हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने किसानों के आंदोलन को कांग्रेस द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम बताया है।

धनखड़ ने कहा कि यह किसान आंदोलन नहीं, कांग्रेस प्रायोजित आंदोलन है। किसानों के बहाने कांग्रेस के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं।

धनखड़ बोलेः

लाठी चार्ज उचित नहीं,पर महामारी के दिनों में किसानों को खुद के लिए और अपने परिवार के लिए विशाल प्रोग्राम से परहेज करना चाहिए।
हमारे लिए हमारे किसान भाई और उनका परिवार सर्वोपरि है।

रैली की बजाय संवाद के जरिए ही निकलेगा हल।

9 सितंबर को कृषि सचिव ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन कुछ लोगों की हठधर्मीता के कारण बात नहीं हुई।

अध्यादेश किसानों की आर्थिक आजादी के लिये है। उनका अध्ययन करें और सुझाव बतायें ।सभी सुझाव स्वागत योग्य हैं।

सिर्फ शंका और डर बताकर विरोध ना करें।

प्रदेश में 82000 किसान एफपीओ से जुड़े हैं । प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा प्रगतिशील किसान हैं, जो डायरेक्ट मार्केटिंग कर रहे हैं।

अध्यादेश इन किसानों के लिये बाजार खोलने व आर्थिक सुरक्षा के लिए है।

इनका नुकसान ना करें, अध्यादेशों का विरोध के लिए विरोध करके।

हो सके तो एक बार अपने आस-पास किसी प्रगतिशील किसान के खेत में जाकर देखें, उसके परिवार में जाकर देखें, उस प्रगतिशील किसान से बातचीत करें, फिर अपने आप से पूछें।

मंडी व्यवस्था में नहीं कोई परिवर्तन, एमएसपी पर वैसे ही होगी खरीद। मंडी थी, मंडी है और मंडी रहेगी।

सरकार ने 25 सितंबर से धान के खरीद की अनुमति माँगी है।

धान व बाजरा का एक एक दाना खरीदा जायेगा।

कुछ लोगों को खासतौर से कांग्रेस को महामारी की बजाय राजनीति की चिंता ज्यादा है ।

दीपेन्द्र स्वयं करोना से ग्रसित हैं। हमारे, सीएम, बिजली मंत्री कृषिमंत्री, शिक्षा मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व अनेक सासंद व विधायक करोना से जूझ रहे हैं।

पर कांग्रेसियो के लिये प्रदर्शन और राजनीति ज्यादा जरूरी है।

मैं सरकार से आग्रह करता हूँ कि कृषि अधिकारियों को गाँव गाँव भेजे, किसानों की सुनें, उनके सुझाव लाये व भाजपा के किसान मोर्चा के कार्यकर्ता मंडी समितियों के पूर्व चेयरमैन व वाइस चेयरमैन भी किसानों को इन अध्यादेशों पर जागरूक करें।

भाजपा की और से तीन सांसदों की कमेटी भी किसानों से संवाद के लिये बनाई है।

कमेटी में सांसद कुरुक्षेत्र नायब सिंह सैनी जी, सांसद हिसार बृजेंद्र सिंह जी और सांसद भिवानी चौधरी धर्मवीर सिंह जी हैं।

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