हरियाणा सरकार ने सभी विधायकों के लिए अनिवार्य किया कोरोना टैस्ट, जानें क्यों

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने सभी विधायकों से अपने-अपने जिलों में कोविड-19 का टैस्ट करवाने को कहा है। आगामी 26 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दृष्टिगत  संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिलों के अन्तर्गत आने वाले विधायकों की कोरोना टैस्टिंग करवाना सुनिश्चित करें।

Haryana government makes corona test mandatory for all MLAs, know why

Chandigarh. The Haryana government has asked all the MLAs to conduct a test of Kovid-19 in their respective districts in view of the upcoming assembly session starting on 26 August. For this, the concerned officials have also been instructed to ensure the corona testing of the legislators coming under their districts.

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बुधवार को जींद में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम को लेकर जींद, कैथल तथा हिसार जिलों के उच्च अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कोरोना वायरस की जांच को लेकर पर्याप्त लैब स्थापित करवाई गई हैं। अगर फिर भी कोई व्यक्ति प्राइवेट लैब से जांच करवाना चाहता है, तो वह 2400 रुपए देकर जांच करवा सकता है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर को और कम करने के लिए कोरोना की टैस्टिंग को बढ़ाया जाए। इसके लिए जिलों के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कोरोना टैस्टिंग केन्द्रों की संख्या को दोगुणा किया जाए।

उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को दिमागी तौर पर छोटी-मोटी परेशानी है, तो वह इलाज के लिए हैल्पलाइन नम्बर 1075 पर कॉल करके 4 नम्बर बटन दबाकर मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं ले सकता है।

राजीव अरोड़ा ने इन तीन जिलों में कोरोना वायरस की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हरसम्भव प्रयास करें। इस कार्य में राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा हर प्रकार की सहायता अविलम्ब उपलब्ध करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त अपने-अपने जिलों में कोविड केयर सेंटरों का समय-समय निरीक्षण करते रहें ताकि वहां किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा की कमी न रहे। पर्याप्त मात्रा में बैडों के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेण्डर की उपलब्धता भी जांच लें।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक कोविड अस्पताल में डॉक्टरों के साथ-साथ योगा टीचर की भी डयूटी लगाई जाए। इन कोविड अस्पतालों में समय-समय पर मनोवैज्ञानिकों का भी दौरा करवाया जाए ताकि उपचाराधीन मरीजों के दिलो-दिमाग पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने तीनों जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी व्यक्ति का कोरोना टैस्ट लेने के बाद जब तक उसकी जांच रिपोर्ट नहीं आती, उसे होम क्वारंटीन किया जाए। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर व्यक्ति को अस्पताल में आइसोलेट कर इलाज किया जाए। अगर कोई व्यक्ति घर में आइसोलेट होना चाहता है तो उसे इलाज के लिए मेडिकल किट उपलब्ध करवाई जाए।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों की जिलों में अक्षरशरू अनुपालना करवाना सुनिश्चित की जाए। निर्धारित संख्या से अधिक लोगों को इकऋड्ढा न होने दें और सार्वजनिक जगहों पर मास्क न पहनने वाले लोगों के चालान किए जाएं।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ अधिक आवाजाही वाले स्थानों को भी सेनेटाइज करवाया जाए। सरकारी, गैर-सरकारी अस्पतालों, बैकों में आने वाले लोगों की थर्मल स्केनिंग अवश्य करवाई जाए ताकि लक्षण मिलते ही कोराना टैस्ट करवाया जा सके।

बैठक में खाद्य एवं औषध विभाग के प्रशासक अशोक कुमार मीणा, आयुष विभाग के निदेशक अतुल कुमार, एनएचएम के मिशन निदेशक डॉ. प्रभजोत सिंह के अलावा इन तीनों जिलों के उपायुक्त वपुलिस अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद रहे।

 

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