हरियाणाः सीएम खट्टर ने टैक्स में राहत की झड़ी लगा दी

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश के लोगों को अनेक प्रकार की राहतें प्रदान करने की स्वकृति प्रदान की है।

Haryana: CM Khattar imposed tax relief

Chandigarh. On the eve of Independence Day, the Chief Minister of Haryana Manohar Lal has given the acceptance to provide many reliefs to the people of the state.

इनमें धर्मार्थ शिक्षण संस्थानों, धर्मार्थ अस्पतालों तथा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के स्कूलों के लिए सम्पत्ति कर से शतप्रतिशत छूट, सभी धार्मिक स्थलों को अप्रैल, मई व जून, 2020 के तीन महीनों के लिए सरचार्ज राशि सहित बिजली बिलों से पूरी छूट और नगरपालिकाओं के तहत गांवों के लाल डोरा के भीतर स्थित ऐसी आवासीय संपत्तियों, जिनके मालिक 31 अक्तूबर, 2020 तक सभी लम्बित बकायों का भुगतान कर देंगे, को सम्पत्ति कर में 50 प्रतिशत की एकमुश्त छूट शामिल है।

हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि सम्पत्ति कर से संबंधित उपायों को प्रभावी बनाने के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग की 11 अक्तूबर, 2013 की अधिसूचनाओं में अनेक संशोधन किए गए हैं और मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों एवं मस्जिदों के बिजली बिलों के संबंध में डिस्कॉम द्वारा शीघ्र ही अधिसूचनाएं जारी की जाएंगी।

प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक के संपत्ति कर के देय या बकायों के लिए 25 प्रतिशत की एकमुश्त छूट उन संपत्ति कर मालिकों को दी जाएगी जो 31 अक्तूबर, 2020 तक वर्ष 2010-11 से 2019-20 तक के सभी संपत्ति कर देय या बकायों का भुगतान कर देंगे।
उन्होंने बताया कि देरी से भुगतान के मामले में, 1.5 प्रतिशत प्रति मास या उसके भाग की दर से ब्याज लगाया जाएगा, बशर्ते कि वर्ष 2010-11 से 2019-20 तक के लंबित संपत्ति कर देय या बकायों पर ब्याज की एकमुश्त छूट उन सभी करदाताओं को दी जाएगी, यदि उनके बकायों का भुगतान 31 अक्तूबर, 2020 तक कर दिया जाता है।

उन संपत्ति मालिकों को अतिरिक्त पांच प्रतिशत छूट दी जाएगी, जो हर वर्ष 31 जुलाई तक ऑटो डेबिट सिस्टम द्वारा संपत्ति कर का भुगतान करेंगे, लेकिन चालू वर्ष अर्थात 2020-21 के लिए 31 अक्तूबर, 2020 को अंतिम तिथि माना जाएगा। उन्होंने कहा कि ढाबों और डेयरियों जैसी कृषि सम्बद्घ गतिविधियों के लिए संपत्ति कर की दरें, जिन्हें 19 सितम्बर, 2019 को संशोधित किया गया था, 11 अक्तूबर, 2013 से लागू होंगी।
कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न संकट को मद्देनजर रखते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य में सभी धार्मिक स्थलों अर्थात मंदिरों (बौद्घ एवं जैन मंदिरों सहित) गुरुद्वारों, चर्च और मस्जिदों के लिए अप्रैल, 2020 से जून, 2020 की अवधि के लिए सरचार्ज राशि सहित बिजली बिल माफ करने का निर्णय लिया है, बशर्ते वे मार्च, 2020 तक के अपने सभी बकाया देय, यदि कोई है, का भुगतान 31 अक्तूबर, 2020 तक कर दें।
उन्होंने बताया कि 10 प्रतिशत की छूट उन आकलनकर्ताओं को दी जाएगी जो 31 अक्तूबर,2020 तक अपने कुल सम्पत्ति दयों का भुगतान कर देंगे। इसके अतिरिक्त, उन संपत्ति मालिकों को वर्ष 2020-21 के लिए एक अच्छा करदाता के रूप में 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट प्रदान की जाएगी जिन्होंने लगातार वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए उस वर्ष की 31 जुलाई तक अपने संपत्ति कर बकाया को जमा किया है।

नगर निगम, गुरुग्राम के मामले में वर्ष 2017-18 के लिए 10 प्रतिशत छूट के उद्देश्य के लिए अवधि 31 जुलाई, 2017 के बजाय 31 दिसम्बर, 2017 मानी जाएगी। यह 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट उन करदाताओं को उपलब्ध होगी जो भविष्य में भी प्रत्येक तीन वर्ष के ब्लॉक के लिए अपने वार्षिक कर का निर्धारित समय में भुगतान करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 के लिए अगले तीन साल के ब्लॉक की तिथि को 31 जुलाई, 2020 के बजाय 31 अक्तूबर, 2020 माना जाएगा।

राज्य की नगरपालिकाओं में सम्पत्ति करदाताओं के लिए हरियाणा सरकार ने सभी नगर निगमों, समितियों एवं परिषदों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों के लाल डोरों में स्थित उन आवासीय सम्पतियों को 50 प्रतिशत की एकमुश्त छूट देने की अनुमति दी है जिनके मालिक 31 अक्तूबर, 2020 तक वर्ष 2010-11 से 2019-20 के लिए सभी संपत्ति कर देय या बकायों का भुगतान कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि धर्मार्थ शैक्षणिक संस्थानों, धर्मार्थ अस्पताल और विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के स्कूलों को शत-प्रतिशत छूट देने का भी निर्णय लिया गया है, जहां सरकारी स्कूलों एवं सरकारी अस्पतालों के बराबर फीस या दरें ली जाती हैं।

अनुमोदित कॉलेजों, स्कूलों, अस्पतालों एवं डिस्पेंसरियों सहित यदि ऐसे भवन और भूमि या उसका हिस्सा संबंधित धर्मार्थ शैक्षणिक संस्थानों और धर्मार्थ अस्पतालों के स्वामित्व में हैं या बिना किसी किराए के भुगतान के ऐसे धर्मार्थ शैक्षणिक संस्थानों और धर्मार्थ अस्पताल के लिए रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि, ऐसी संपत्ति को कोई छूट नहीं दी जाएगी, यदि उसके किसी भी हिस्से का निर्माण या उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया गया है।

 

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