फरीदाबादः निजी स्कूलों ने पीएम से मांगा राहत पैकेज

फरीदाबाद।कोविड-19 महामारी के कारण हरियाणा के कई प्राइवेट शिक्षण संस्थान की हालत काफी खराब है। इसलिए प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने प्राइवेट शैक्षिक संस्थानों को राहत पैकेज देने की मांग की है।

Faridabad: Private schools asked for relief package from PM

Faridabad. The condition of many private educational institutions in Haryana is quite poor due to the Kovid-19 epidemic. Therefore, the Private Schools Association has demanded a relief package to private educational institutions.

प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सीएम हरियाणा मनोहर लाल और एचआरडी मिनिस्टर को लेटर भेजकर प्राइवेट स्कूलों के लिए रिलीफ फंड जारी करने की मांग रखी है।

प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट रमेश डागर और प्रवक्ता दीपक यादव ने बताया कि हरियाणा के निजी स्कूलों ने बंद के चलते फीस जमा न होने पर सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग की है। कोरोना के चलते आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे निजी स्कूलों के लिए तुरंत राहत पैकेज की घोषणा की जाए।

रमेश डागर ने लेटर के माध्यम से कहा है कि 5 से 10 प्रतिशत अभिभावकों को छोड़कर किसी भी सक्षम अभिभावक ने भी फीस जमा नहीं करवाई है। शिक्षा विभाग के अलग-अलग लेटर जारी करने से अभिभावकों में भ्रांति पैदा हो गई है। इसलिए सक्षम अभिभावक को एक-एक महीने के हिसाब से ही फीस जमा कराने के स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं।

दीपक यादव ने कहा कि फीस नहीं आने के कारण इस संकट में स्टाफ का वेतन, बिजली, पानी का बिल, बसों की किस्त, बीमा, परमिट, रोड टैक्स, रिन्यूअल व अन्य स्कूल खर्चों को पूरा करना आसान नहीं है। इन सब मांगों को लेकर हमने प्राइवेट स्कूलों की परेशानियों को सरकार के समक्ष रखा है।

स्टेट जनरल सेक्रेटरी गौरव पराशर ने कहा है कि सरकार के आदेश मानते हुए हमने अभिभावकों से सिर्फ एक महीने के हिसाब से सिर्फ ट्यूशन फीस देने की मांग की। कुछ ही प्रतिशत अभिभावकों ने फीस जमा की है। इसके कारण बच्चों को ऑन लाइन पड़ा रही क्लास टीचर्स को सैलरी देना हमारे लिए एक चुनोती बन चुकी है। अब तक तो हम टीचर्स को सैलरी किसी न किसी रूप में देते रहे हैं, लेकिन जब अभिभावक फीस नही देंगे, तो हम टीचर्स को कैसे सैलरी देगे।

प्रवक्ता यादव ने बताया कि इसके अलावा स्कूल संचालकों के सामने कई स्कूल के लोन है, जो सबसे बड़ी मुसीबत है।यादव ने कहा कि प्रदेश में 80 प्रतिशत स्कूल तो पहले ही घाटे में चल रहे हैं। इनमें से भी बहुत से स्कूलों की तो पिछले सत्र की फीस भी नहीं आई है। सरकार विशेष राहत पैकेज जारी करे, ताकि महामारी के दौर में स्टाफ की सैलरी व अन्य खर्चों को पूरा किया जा सके। कोविड-19 के कारण प्राइवेट शैक्षिक संस्थान कई माह से बंद हैं।

प्रवक्ता दीपक यादव ने कहा कि सरकार तकरीबन सभी क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज घोषित कर रही है, लेकिन प्राइवेट शैक्षिक संस्थानों के लिए अभी तक किसी प्रकार के राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई। इन सब बातों को अमल में लाने के लिए ही सरकार के सामने प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने लेटर लिखकर राहत पैकेज की मांग रखी है।

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