भारत के आठ अनोखे मंदिर, जहां चढ़ाया जाता है अजब-गजब प्रसाद

नई दिल्ली। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें अजब-गजब तरह के प्रसाद चढ़ाये जाते हैं। ये मंदिर आपनी धार्मिक मान्यताओं के अवाला भी कई तरह की चीजों के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों में सबसे अलग बात यही है कि यहां प्रसाद बहुत अलग तरह का चढ़ाया जाता है। जैसे जैम, चॉकलेट, डोसा आदि चीजें। कुछ मंदिरों में तो शराब का भोग भी लगाया जाता है। आइए इनके बारे में जानते हैं।

Eight unique temples of India, where amazing offerings Prasada are made

New Delhi. Today we are telling you about some such temples in India, in which amazing offerings are made. These temples are also known for a variety of things related to your religious beliefs. The most different thing in these temples is that offerings are made here in a very different way. Things like jam, chocolate, dosa etc. Wine is also offered in some temples. Let’s know about them.

आलागार मंदिर तमिलनाडु

तमिलनाडु के मदुरै में स्थिति भगवान विष्णु के अलागार मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां भगवान को डोसा को भोग लगता है और भक्तों को प्रसाद के रूप में वही मिलता है।

बालसुब्रमणिया मंदिर

केरल के अलेप्पी जगह पर स्थिति बालसुब्रमणिया मंदिर भी अपने प्रसाद के रूप में काफी प्रसिद्ध है। बताया जाता है मंदिर में स्थिति बालामुरुगन भगवान को चॉकलेट बहुत पसंद है। इसलिए यहां भक्त भगवान को चॉकलेट का भोग लगाते हैं और प्रसाद के रूप में वही ग्रहण करते हैं।

चाइनीज काली मंदिर

कोलकाता के टांगरा (चाइनाटाउन) क्षेत्र में स्थिति काली माता के इस मंदिर में दूर-दूर से लोग में दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर अस्मिता, एकता और स्वीकृति का उत्तम उदाहरण है। इस मंदिर में देवी के चरणों में भोग के रूप में चाइनीज नूडल्स, चॉप सुय, चावल और सब्जी के व्यंजन चढ़ाए जाते हैं और प्रसाद के रूप में भी यही मिलता है।

धनदायुथपानी स्वामी मंदिर

तमिलनाडु के पलानी नामक स्थान पर धनदायुथपानी स्वामी मंदिर स्थित है। यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में एक विशेष प्रकार का जैम दिया जाता है और इस जैम को पांच प्रकार के फल, शुगर कैंडी व गुड़ को मिलाकर तैयार किया जाता है।

कामाख्या देवी मंदिर

गुवाहाटी में स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक कामाख्या देवी के मंदिर में हर साल भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मेले के दौरान तीन दिनों के लिए मां के दर्शन बंद कर दिए जाते हैं और चौथे दिन मंदिर के कपाट खोलकर प्रसाद के रूप में एक गीला कपड़ा दिया जाता है। मान्यता है कि यह गीला कपड़ा मां के रज से भीगा होता है।

करणी माता मंदिर

राजस्थान के बीकानेर में करणी माता का मंदिर स्थित है। यह मंदिर को चूहों वाली माता के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भक्तों को जो प्रसाद दिया जाता है दरअसल वह चूहों द्वारा जूठा किया गया होता है। मान्यता है कि यहां पर रहने वाले चूहें माता की संतान हैं।

खबीस बाबा मंदिर

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित खबीस बाबा मंदिर में भक्तों की बहुत भीड़ लगती है। यहां प्रसाद के रूप में भगवान को शराब चढ़ाने की प्रथा है और बाद में यही शराब भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित की जाती है। उज्जैन के काल भैरव मंदिर में भी भैरव बाबा को शराब का भोग लगाया जाता है और वही प्रसाद मिलता है।

त्रिसूर महादेव

केरल में ज्यादातर मंदिरों में प्रसाद के रूप में खाने की कोई भी वस्तु ही चढ़ाई जाती है, लेकिन केरल के ़ित्रसूर महादेव में वितरित होने वाले प्रसाद में भक्तों को खाने-पीने की सामाग्री के स्थान पर टैक्स्ट बुक, सी-डी, डीवीडी तथा बोशर्स इत्यादि का वितरण किया जाता है। मंदिर का मानना है कि ज्ञान के प्रसार और प्रचार से बढ़कर कोई प्रसाद नहीं।

 

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